nandkumar nandu
Friday 6 April 2018
तुम्हारी जुल्फे खिला चेहरा और निगाहे याद आती है, बचपन मे कितनी मिली है शबासिया वो हम भूल गये, स्कूल मे मिली वो सजाये याद आती है,, तुम्हारी जुल्फे खिला चेहरा और निगाहे याद आती है,
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